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मेरे राजदार समर्थक मित्र बनने का शुक्रिया
मेरी रचनाएं
बुधवार, 26 अक्टूबर 2011
शुभकामनाएं...
स्थान:
सारंगढ़, Chhattisgarh, भारत
शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2011
आईना...
लेबल:
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011
एक दीप अँधेरे में ...
एक दीप अँधेरे में ...
बरसों से मंदिर के कपाट में
एक दीप अँधेरे में जल रहा है
रोशनी की तलाश में भटककर खुद से लड़ रहा है
कितने दिन बीत गए ...
अपने रूप को , आईने में नही देख पाया
थोड़ा सा तेल
वहीं पुरानी बाती
उसी कपाट पर
बंद , पडा अपनी दशा से परेशान
फिर भी धीमें -धीमें जल रहा है
उस उजले दिन की इंतजार में
बुझता और जलता
नया सबेरा ढूंढ़ रहा है
बरसों से मंदिर की कपाट में
एक दीप अँधेरे में जल रहा है
लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "
बुधवार, 5 अक्टूबर 2011
दुआ...
आप सभी को दुर्गा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
और साथ ही साथ बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतिक दशहरा पर्व की भी बधाईयां....
आप से निवेदन है कि अब आपका यह ब्लाग और निचे जो लिंक है वह भी फेसबुक पर उपलब्ध है तो मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया फेसबुक पर भी अनुसरण करें !! धन्यवाद !!
http://neelkamalkosir.blogspot.com/
नीलकमल वैष्णव"अनीश"
और साथ ही साथ बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतिक दशहरा पर्व की भी बधाईयां....
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नीलकमल वैष्णव"अनीश"
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नीलकमल वैष्णव"अनिश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
रविवार, 2 अक्टूबर 2011
!...!...मुकद्दर...!...!
आज बादलों के आगोश में चाँद को सोते देखा
सहमी-सहमी रात में तारों को रोते देखा
जिसे मैंने चाहा एक मुद्दत बीतने तक
आज मैंने उसे किसी और का होते देखा
जिसकी आरजू में मैंने एक उम्र गवां दी
उसे समंदर की गहराइयों में खोते देखा
जिस मोती को बनाकर रखा अपना मुकद्दर जानकार
ये "अनीश" किसी और को उसे अपने हार में पिरोते देखा
नीलकमल वैष्णव"अनीश"
लेबल:
नीलकमल वैष्णव"अनिश"
स्थान:
सारंगढ़, छत्तीसगढ़, भारत
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