मधुर वाणी
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बुधवार, 25 मई 2011
जिंदगी में तुम .....
कविता
जिंदगी में तुम .....
न जाने कब तुम आई इस जमी पे
लोग तुम्हें क्या नाम दिए
राह न मिला कोई राही बनकर चलता रहा
जिन्दगी बस यु ही कटती रही
मधुर वाणी ..नीलकमल वैष्णव "अनिश"
1 टिप्पणियाँ:
लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल "
ने कहा…
bahut sundar
5 जून 2011 को 9:45 am बजे
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आप अपने बहुमूल्य शब्दों से इसको और सुसज्जित करें
धन्यवाद
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